कुछ न बोलो चुप रहो
हो गया फरमान जारी कुछ न बोलो चुप रहो,
ये भी कैसी जिद तुम्हारी कुछ न बोलो चुप रहो |
जिसके दस बच्चे हैं उसने सिर्फ दो लिखवाये हैं,
हो गयी मर्दुम सुमारी कुछ ना बोलो चुप रहो |
एक नेताजी ने भूखे पेट लोगों से कहा,
जो भी है हालत तुम्हारी कुछ न बोलो चुप रहो |
जितने वाले की हर ख्वाहिश पे परदा डाल कर,
कैसे तुमने जंग हारी कुछ न बोलो चुप रहो |
तुम तो जनता हो तुम्हें बर्दाश्त करना चाहिए.
जो मिनिस्टर है जुआरी कुछ न बोलो चुप रहो|
ये समझ लो सब्र काफी है गरीबी के लिए ,
वक्त है 'परवाज' भारी कुछ ना बोलो चुप रहो |
- बिजेंद्र 'परवाज़ '

हो गया फरमान जारी कुछ न बोलो चुप रहो,
जवाब देंहटाएंये भी कैसी जिद तुम्हारी कुछ न बोलो चुप रहो |
वाह बहुत खूबसूरत मतला है...
जीतने वाले की हर ख्वाहिश पे परदा डाल कर,
कैसे तुमने जंग हारी कुछ न बोलो चुप रहो|
परवाज़ साहब को बधाई.
हो गया फरमान जारी कुछ न बोलो चुप रहो,
जवाब देंहटाएंये भी कैसी जिद तुम्हारी कुछ न बोलो चुप रहो |
बहुत उम्दा और सच्ची ग़ज़ल
आज के हालात पर तीखा तंज़
बहुत ख़ूब !