गुजरात नहीं दिखता, आसाम नहीं दिखता,
कश्मीर नहीं दिखता, पंजाब नहीं दिखता |
क्या बात मणिपुर की, क्या बात उड़ीसा की,
जनता का लहू पानी मिलता है बहुत सस्ता |
वो आज का किशन था मर भी गया तो क्या है ?
वैसे भी राम, कृष्ण मरने के बाद पुजता |
यूँ शौक में कोई भी खाता नहीं है गोली
मकसद हो नेक जिसका बच के नहीं वो चलता |
बारूदी गंध उनको भाती है खूब यारों
आँखों में कभी जिनकी चूल्हे का धुँआ चुभता |
बन्दूक की नली से तब रास्ता निकलता |
हाँ जो नहीं लडेगा उसका भी हाल देखो
इरोम शर्मिला की कोई नहीं है सुनता |
उसको सलाम मेरा फांसी को चूमता जो
या शीश हाथ पे रख जो युद्ध में उतरता |
गाली से गोलियों से बिल्कुल नहीं वो डरता |
सामयिक और सार्थक प्रस्तुति, आभार.
जवाब देंहटाएंNirmal Paneri वो आज का किशन था मर भी गया तो क्या है ?
जवाब देंहटाएंवैसे भी राम, कृष्ण मरने के बाद पुजता |.............वाह जी क्या कही है .......जबरदस्त !!!!!!!!!!!!!!!!!!!
Nirmal Gupta
जवाब देंहटाएंइस गज़ल में उठाये गए कुछ मुद्दों से असहमति के बावजूद इसे पढ़ा जाना ज़रूरी है|