चंदन कुमार मिश्र -बढिया... लेकिन और सारे क्षेत्रों में एक उम्र तक या शुरू से ही अपने क्षेत्र का चुनाव होता है लेकिन राहुल लम्बे समय तक राजनीति में नहीं आये थे... और बड़ी बात कि वे सिर्फ बात करते हैं... बड़े पद पर होने के बावजूद उनके द्वारा कोई कदम उठाया नहीं गया जिससे उनसे उम्मीद लगाने का कोई भी कारण दिखता नहीं... ...Friday at 8:02pm · ·
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चंदन कुमार मिश्र -वंशवाद का शोर कुछ खास नहीं है... ... हाँ, मौका जल्दी तो मिल ही जाता है वरना क्या कोई दूसरा युवा इतने कम समय की राजनीति में इतना जाना जाता ?Friday at 8:02pm ·
अमरनाथ मधुर - मेरा कहना है कि उनके राजनीति में कम समय या अन्य कारणों को लेकर आलोचना कि जानी चाहिए वंश को लेकर नहीं | उससे अच्छा तो कब्र में पैर लटकाये पुराने ख्यालात के नेताओं को निशाना बनाना है जो कोई नहीं कर रहा हैFriday at 8:09pm · ·
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चंदन कुमार मिश्र मानव स्वभाव फिर अपने देश का स्वभाव ... ... कुछ खास गलत भी नहीं कर रहे... ... संघर्ष के बिना सफलता मिलने पर लोगों में स्वाभाविक नाराजगी भी हो सकती है... ... इसलिए कुछ खास गलत नहीं आलोचना लेकिन बुढउ लोगों की और सब दलों के लिए भी यह बात तो होनी ही चाहिए... ... उम्र भी कोई खास बात नहीं... ... क्योंकि बहुत सारे उदाहरण हैं बूढे नेताओं के जैसे फिदेल कास्त्रो का ही... ...Friday at 8:15pm ·
श्रद्धान्शु शेखर अचछा विश्लेषण है . मैं कांग्रेसी नहीं हूँ लेकिन राहुल का नेतृत्व ठीक लगता है . हो सकता है की वो बेकार नेता साबित हो लेकिन आधुनिक समय के अनुकूल है . नेहरु भी आधुनिक सोच के नास्तिक थे.Friday at 8:16pm · ·
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Amarnath Madhur फिदेल को भी हट जाना चाहिये और ये परखना चाहिये उनके मार्दर्शन में जो पीढ़ी तैयार हुयी है वो उनके सपनों के अनुरूप है या नहीं | नहीं तो उनके बाद सब ret के महल की तरह बिखर जाएगा और फिर कामरेड नयी नयी थ्योरी तलाशते नजर आयेगें लेकिन लाल झंडा नहीं लहरा पायेगा |Friday at 8:21pm · ·
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चंदन कुमार मिश्र फिदेल अब हट गये हैं। उम्र नहीं विचार, राजनीति और तरीका कारगर है। उम्र का महत्व होता है लेकिन उतना नहीं! राहुल गलत क्षेत्र चुन रहे हैं, ऐसा लगा है हमे भी... क्योंकि पिछले कई सालों में उनका कोई योगदान युवा पीढी के लिए या भारत के लिए महत्वपूर्ण है ही नहीं, जबकि कांग्रेस के अंदर उनका कद बड़ा है।Friday at 8:24pm · ·
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अमरनाथ मधुर - महात्मा गांधी ने किसी पद पर न रहकर व्यवस्था को मर्यादा में रखने का जो कौशल दिखाया वरिष्ट नेताओं का वही दायित्व है|Friday at 8:31pm ·
सचिन अग्रवाल - जय हो . ........यार पुरे ...कांग्रेसी भाषा बोलने के लिए बधाई ......अच्छा लिखा है .......मैडम को भिजवा दो ईनाम देगी ......या फिर दे चुकी ?Friday at 8:53pm · ·
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अमरनाथ मधुर - फिदेल हट गये हैं लेकिन युवा नेत्रत्व के लिए नहीं | उनमें और उनके भाई में कोई फर्क नहीं है | जब दोनों नहीं होंगें तब क्यूबा का हश्र देखना | राहुल गांधी अपनी जगह बनाने के लुए काम कर रहे हैं वे सीधे ही गद्दी पर बैठ जाते तो कोई क्या कर लेता ? वैसे मैं उनकी हिमायत करके कांग्रेस को सही नहीं कहना चाहता लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिद्रश्य में यदि किसी को मजबूरी में चुनना पड़े तो राहुल गांधी ही मेरी नजर में बेहतर होंगें |Friday at 9:08pm ·
Sachin अग्रवाल - हा हा हा धन्य हैं आप . ....Friday at 9:13pm ·
अमरनाथ मधुर - मैडम ने तो ये सिखाया है जिस पद के लिये बूढ़े नेता राम-राम जपते घूमते रहते हैं उसे छोड़कर भी देशसेवा की जा सकती है | इनाम किधर मिलते हैं उसका रास्ता हमने नहीं देखा है |Friday at 9:13pm ·
सचिन अग्रवाल - देख लीजिये काम आएगा ...............Friday at 9:15pm ·
अमरनाथ मधुर - कुछ आप लोगों को भी सीखना चाहिये या खाली राम नाम की गाल बजाई करते रहोगे |Friday at 9:23pm ·
सचिन अग्रवाल - hmmm. ........हम सीख के क्या करेंगे मालिक साहब हम तो करने में यकीन करते हैं जितना हो जाए ..........बाकी तो आप जैसे अंधे बहरे लोगो की जय है ही आजकल .........Friday at 9:25pm · ·
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चंदन कुमार मिश्र- ईमानदारी का सबूत इतना ही नहीं कि कोई सत्ता में नहीं है। वजहे और भी होती है... ईमानदारी दिखायी भी जा सकती है, हुआ भी जा सकता है... ... ... खैर... अब आराम किया जाये!Friday at 9:38pm · ·
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जयेश दावे - " जो बात अन्य पेशे में लागू होती है वही राजनीति में भी लागू होती है "..????? ये क्या है... क्या राजनीती पेशा है.... हमे तो ये बताया गया है की यह एक " सेवा "है, एक " जिम्मेदारी " है.... पर अफ़सोस तो यह है सच में एक पेशा मात्र बन कर रह गयी है.... :(Friday at 11:42pm ·
अमरनाथ मधुर - सेवा में भी भी जिस कुशलता और समर्पण की जरुरत होती है वह भी परिवेश से विकसित होता है |23 hours ago ·
अमित अनंत 'अमान ' - मधुर जी..
आपका रवय्या हमेशा निष्पक्ष रहा है..
आपके तर्क अकाट्य हैं.. बहुत बढ़िया सर....17 hours ago ·
अमरनाथ मधुर - ओह अमित भाई! इतनी तारीफ अच्छी नहीं होती ये किसी का भी दिमाग खराब कर सकती है | प्रशंसा नहीं सार्थक संवाद अच्छा लगता है जैसा चन्दन मिश्र जी के साथ होता है| आप जैसे प्रगतिशील और परिवर्तनकामी युवा साथी से भी यही उम्मीद करता हूँ |आमीन |11 hours ago ·
कमलेश शुक्ल - उत्तर प्रदेश मे बीजेपी के नेता राजनाथ जी ने अपने पुत्र के टिकट के लिए बीजेपी के एक पुराने वफादार का टिकट काट दिया ,,,अमरनाथ जी आप का इस बारे मे क्या कहना है10 hours ago ·
रविवार, 12 फ़रवरी 2012
फेसबुक वार्ता -वंशवाद और काबलियत के सवाल
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