मेरे सामने मेरी कौम के सभी बेकसों का सवाल है
तू अलग नहीं मेरे हमनशीं तेरी चाहतों का ख़याल है.
किसी रोज़ तू मेरे साथ चल मैं यतीम बच्चों में ले चलूँ
तुझे ज़िन्दगी का पता चले ये ग़मों से कितनी निढाल है.
सरे-शाख़ फूल बुझे-बुझे जो दिखाई दें तो ये सोचना
यही मुफ़लिसी कि दलील है यही गुरबतों कि मिसाल है.
अभी तिलमिलाते वो भूक से मेरे सामने कई तिफ़्ल हैं
तेरे गेसुओं कि पनाह में अभी साँस लेना मोहाल है.
कभी बेईमानों कि चींख ने कभी कमसिनों कि पुकार ने
तेरी सिसकियों को दबा दिया मुझे ग़म है इसका मलाल है.
मेरी बात सुन यही फ़र्क है मेरी फ़िक्र में तेरी सोच में
मेरे दिल में दर्दे-जहान है तुझे सिर्फ अपना ख़याल है.
तू अलग नहीं मेरे हमनशीं तेरी चाहतों का ख़याल है.
किसी रोज़ तू मेरे साथ चल मैं यतीम बच्चों में ले चलूँ
तुझे ज़िन्दगी का पता चले ये ग़मों से कितनी निढाल है.
सरे-शाख़ फूल बुझे-बुझे जो दिखाई दें तो ये सोचना
यही मुफ़लिसी कि दलील है यही गुरबतों कि मिसाल है.
अभी तिलमिलाते वो भूक से मेरे सामने कई तिफ़्ल हैं
तेरे गेसुओं कि पनाह में अभी साँस लेना मोहाल है.
कभी बेईमानों कि चींख ने कभी कमसिनों कि पुकार ने
तेरी सिसकियों को दबा दिया मुझे ग़म है इसका मलाल है.
मेरी बात सुन यही फ़र्क है मेरी फ़िक्र में तेरी सोच में
मेरे दिल में दर्दे-जहान है तुझे सिर्फ अपना ख़याल है.
-मासूम गाजियाबादी
میرے سامنے میری قوم کے تمام بےكسو کا سوال ہے
تو الگ نہیں میرے همنشي تیری چاهتو کا خیال ہے.
کسی روز تو میرے ساتھ چل میں یتیم بچوں میں لے چلوں
تجھے زندگی کا پتہ چلے یہ غموں سے کتنی نڈھال ہے.
سر - شاخ پھول بجھے - بجھے جو دکھائی دیں تو یہ سوچنا
یہی مفلسي کہ دلیل ہے یہی گربتو کہ مثال ہے.
ابھی تلملاتے وہ بھوک سے میرے سامنے کئی تفل ہیں
تیرے گےسو کہ پناہ میں ابھی سانس لینا موهال ہے.
کبھی بےيمانو کہ چیںکھ نے کبھی كمسنو کہ پکار نے
تیری سسکیوں کو دبا دیا مجھے غم ہے اس کا ملال ہے.
میری بات سن یہی فرق ہے میری فکر میں تیری سوچ میں
میرے دل میں درد - جہان ہے تجھے صرف اپنا خیال ہے.
- معصوم گاجيابادي
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