सरोज कुमार -गोधरा में ट्रेन में जिस तरीके से लोगों को जलाया गया
और मोदी ने जैसा इलाज किया उसका मैं समर्थक हूँ. कुछ निर्दोष भी मारे
गए और आप कहेंगे कि यह राजधर्म का अतिक्रमण है तो मैं इसे पसंद
नहीं करूंगा. मैं मानता हूँ कि मुसलमान यदि वहां आक्रामक थे तो उसका
जबाब भी आक्रामकता से हीं देना चाहिए. समुदाय के विरुद्ध समुदाय लड़ता
है व्यक्ति के प्रति व्यक्ति लड़ता है. राज धर्म का पालन नहीं भी किया गया
तो भी यह सही था. उसके बाद गुजरात में दंगे नहीं हुए. मैं पूरे भारत में
सामुदायिक संघर्षों में इसी प्रकार के पहल का प्रशंसक हूँ. असम में हिन्दुओं
कि घटती जनसँख्या को भी आपके सामने रखूंगा ताकि आप उत्तर देते
समय इसे ध्यान में रखें. संघ में अल्पसंख्यकों, दलितों ,आदिवासियों के
लिए कोई सम्मानजनक जगह नहीं है- इसकी पुष्टि भी चाहूँगा. लगता है
मुझे संघ का अध्ययन करना पड़ेगा आपके विचारों के प्रभाव में आने से
बचने के लिए. लेकिन कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण से निजात पाने का
कोई सुझाव आप हमें दें. क्या धर्म निरपेक्षता को सही अर्थ में कांग्रेस ले
रही है यदि नहीं तो विरोध तो मैं करूंगा न और यदि संघ उसका विरोध
करता है तो मैं उसमें अपने आवाज क्यों न मिला दूं. भाजपा देश तोडू है
ऐसा तो मैंने नहीं सोचा.
सरोज कुमार -गोधरा में ट्रेन में जिस तरीके से लोगों को जलाया गया
और मोदी ने जैसा इलाज किया उसका मैं समर्थक हूँ. कुछ निर्दोष भी मारे
गए और आप कहेंगे कि यह राजधर्म का अतिक्रमण है तो मैं इसे पसंद
नहीं करूंगा. मैं मानता हूँ कि मुसलमान यदि वहां आक्रामक थे तो उसका
जबाब भी आक्रामकता से हीं देना चाहिए. समुदाय के विरुद्ध समुदाय लड़ता
है व्यक्ति के प्रति व्यक्ति लड़ता है. राज धर्म का पालन नहीं भी किया गया
तो भी यह सही था. उसके बाद गुजरात में दंगे नहीं हुए. मैं पूरे भारत में
सामुदायिक संघर्षों में इसी प्रकार के पहल का प्रशंसक हूँ. असम में हिन्दुओं
कि घटती जनसँख्या को भी आपके सामने रखूंगा ताकि आप उत्तर देते
समय इसे ध्यान में रखें. संघ में अल्पसंख्यकों, दलितों ,आदिवासियों के
लिए कोई सम्मानजनक जगह नहीं है- इसकी पुष्टि भी चाहूँगा. लगता है
मुझे संघ का अध्ययन करना पड़ेगा आपके विचारों के प्रभाव में आने से
बचने के लिए. लेकिन कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण से निजात पाने का
कोई सुझाव आप हमें दें. क्या धर्म निरपेक्षता को सही अर्थ में कांग्रेस ले
रही है यदि नहीं तो विरोध तो मैं करूंगा न और यदि संघ उसका विरोध
करता है तो मैं उसमें अपने आवाज क्यों न मिला दूं. भाजपा देश तोडू है
ऐसा तो मैंने नहीं सोचा.
मो 0 सरफराज साहिल-सवाल - आपके एक पडोसी ने अमेरिका
मे एक आदमी का कतल कर दिया बदले मे अमेरिका के सारे
लोगोने मिलकर आपके सारे फैमिली का कतल कर दिया ।
अगर ये आक्रमकता ही तो दुनिया का सबसे बड़ा मुर्ख
इन्सान में हूँ जो आज तक अपने हिन्दू पड़ोसिओ कि रक्षा
कर रहा हूँ अभी 2 कुछ देर पहले एक मित्र ने पोस्ट डाला
था कि गुजरात में गरीब मुसलमानों को मरना एक आक्रमकता
था तो मैं आक्रामक क्यों नहीं हूँ जबकि मेरे गाँव में ७हज़र
मुसलमान रहते हैं और २हज़र हिन्दूजब चहुँ तब अपनी
आक्रमकता दिखा सकता हूँ , सफाया कर सकता हूँ लेकिन
अब शर्म आ रही हैअपने आप पर कि जब गुजरात में मेरे
गरीब मुसलमान भाई मारे जा रहे तब मैंने अपनी अक्र्मता
नहीं दिखाईमेरे जीवन किसबसे बड़ी भूल यही थी कि आज
तक हिन्दुओ को गाँव में भाई कि तरह मानता हूँखैर , अब
मैं फिर से आक्रामक बनना चाहता हूँ , क्या आप लोग मेरा
समर्थन करेंगे ?
अमरनाथ मधुर -नहीं हम आपका समर्थन नहीं करेगें हाँ जो मजे से
बैठे मिठाई खा रहें हैं उनके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं.
वेद प्रकाश वटुक - अगर एक हैवान पागल हो गया है ,
तो सब हैवान पागल हो जाए ? नहीं हममें आपमें सबमें
इंसानियत जिंदा रखनी है.
फेस बुक परिचर्चा : दि0 05-08-12 ग्रुप 'हमारी आवाज'
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