पेड़ है ये नीम का ना आम देगा
पर दवा बीमार को बेदाम देगा .
वो धर्मशाला बड़ों के नाम पे है
ये शरण तुमको सदा गुमनाम देगा.
बस अजानें मस्जिदों में हों सुरक्षित
राम को वो फिर अयोध्या धाम देगा.
बेर भी खाये नदी भी पार की है
काट क्या सिर वो हमें ईनाम देगा .
सैकड़ों मासूम लव कुश पूछते हैं
कब हमें कोई पिता का नाम देगा .
एक मुद्दत हो गयी प्यासे बहुत हैं
क्या कोई हमको भी कोई जाम देगा .
वो 'मधुर' शायर बहुत बदनाम सा है
राम जाने कब उसे सरनाम देगा .

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