बुधवार, 28 अगस्त 2013

कृष्ण एक चरवाहा


    कृष्ण एक चरवाहा था वैसा ही चरवाहा जैसा मुहम्मद था. वो दोनों  इतने बड़े ज्ञानी थे  जितना  बड़ा  उनके  समय  में कोई दूसरा न था.मुझे उनके इसी ज्ञान पर गर्व है .उनके भगवान या पैगम्बर होने की बात उन्हें सर्वोच्च सम्मान देना है. हमने उन्हें भगवान या पैगम्बर बनाकर खुद के नजदीक कर लिया लेकिन बहुत से दूर भी कर दिया है .ग्वालियों का कृष्ण जब द्वारिकाधीश बना दिया जाता है तो फिर वह आम आदमी की पहुँच  में नहीं रहता है .
अरब लोग कहते हैंकि खेती करने वाला गुलाम है क्यूँकि वो खेत  से बंधा है लेकिन चरवाहा आजाद है वो जहाँ चाहे अपना रेवड़ ले जा सकता है .इसी तरह उसकी  सोच भी आजाद  है .यही  कारण  है कि  कृष्ण और मुहम्मद ही नहीं ईशा,मूसा, इब्राहिम और याकूब भी चरवाहों में ही पैदा हुए किसानों में नहीं हुए .यहाँ भी आप देख सकते हैं कि बलराम जो खेती पर जोर देते थे और जो हल धारण करने के कारण ही हलधर कहाए उतने ज्ञानी नहीं बन पाए जितने गाय चराने वाले कृष्ण बन गए. साधारणत: यह देखा गया है कि एक घुमक्कड़ व्यक्ति एक स्थानिक से अधिक ज्ञानी होता है . प्राचीन काल में बड़े बड़े साम्राज्यों की उलटफेर भी खानाबदोशों  ने ही की है .
जरासंध से सोलह  हजार स्त्रियों को छीनने वाला महान / भगवान कहाए  और उससे मुक्त कराने वाले वीर आदिवासी भील जंगली ही कहलाते रहे.जरासंध हों या श्रीकृष्ण दोनों  सोलह  हजार स्त्रियों  को अपने हरम में रखे रहे जबकि आदिवासियों ने उन्हें किसी एक की जायदाद  नहीं बनाया. यह दोनों संस्कृतियों का फर्क है जिसे नजर अंदाज किया जाता है.



3 टिप्‍पणियां:

  1. 1-हसन इकरार - दोनों के प्रति आपकी सम्मान की भावना की कद्र करते हुए मई मुहम्मद (सल .) का कुछ हाल बताना चाहता हूँ . मुहम्मद (sal.) एक हेड ऑफ़ डी स्टेट बनकर भी हाथ से बुनी खजूर के पत्तों की चटाई पर सोते थे उनके कपडे कई जगह से पेवन्द लगे थे . और ये पेवन्द वो अपने हाथ से लगते थे . उनसे मिलने आने वाले दुसरे राष्ट्र अध्यक्षों को बताना पड़ता था कि इनमे मुसलमानों का हाकिम कौन है . उनके साथियो के कपडे उनसे अच्छे और कीमती होते थे . उनका घर कोई राज महल नहीं था जिस पर दरबान खड़े रहें . उनका खाना शहद , खजूर , और सदी रोटी होती थी . सफ़र के लिए उनके पास एक घोडा जिस पर बरी बरी से उनका शागिर्द भी बैठ जाता था और वो घोड़े कि रस्सी पकड़ कर पैदल चलते थे . आप उनकी जीवनी पढ़ें . पैगम्बर का अंतिम होना उनके अनुयायी नहीं बल्कि खुद पैगम्बर (s), कुरान , ने कहा है . पैगम्बर (s) का अंतिम होना एक अलग विषय है . इसके लिए आपको इस्लाम , अल्लाह क्या है , कौन है , नबी या पैगम्बर कौन होते हैं इसका अध्ययन करना होगा .अपने बड़ी दिलचस्प बात बताई है कभी इस तरफ ध्यान नहीं गया . एक हदीस में हमारे नबी (sal.) फरमाते हैं . कोई नबी ऐसा नहीं गुज़रा जिसने बकरियां न चराई हों .

    2-श्रीनिवास राय शंकर - द्वारकाधीश भी सिंहासन पर नहीं बैठता था ..और जनता से उसकी कभी दूरी नहीं बन सकी थी ..इसीलिए पूरी दुनिया में आज भी कृष्ण सर्वाधिक प्रिय अवतार हैं .

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  2. किसी पर लिखने से पहले उसके जीवन से संबंधित बुक का अध्यन कर लेना चाहिये था पहली बात श्रीकृष्ण की एक ही पत्नी थी केवल रुकमणी और तुम जीसस औरतों 16000 औरतों की बात कर रहे हो मुक्त छिनने की वो राजा नरकासुर था जरासंध नही और जिसको छिनने की बात भीलों पर डाल रहे हो वो नारायणी खुद श्रीकृष्ण की सेना थी चतुरंगी यानी अहीर ही थे अब यादव यादव स्त्रियों को ही क्यो अर्जुन से छीने इसके कारण जानने जरूरी है पहला कारण अहीर यानी नारायणि सेना कौरव के तरफ से लड़ी थी और विजय पांडव का हुवा था मतलब नारायणि सेना को लोग हारा हुवा मनाने लगे थे जबकि नारायणि सेना अपराजित है आज भी दुनिया के सैनिक इतिहास में अहिरो को अपराजित माना जाता है इसलिये अर्जुन जो महाभरत विजेता था अहिरो ने हरा दिया अपना मोटो कायम रखने के लिये जरूरी था स्त्रियों को क्यो ले गये अपने

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  3. स्त्रियो को छीन इसलिए ले गये ताकि अर्जुन को सबक दे सके कि श्रीकृष्ण के सहयोग से धोखे से तुम उत्तरा का अपहरण तो कर लिया यादवो के सामने अबला नारी ही है तीसरा सबसे बड़ा कारण धर्म था नारायणि सेना धर्म स्थापित करती है पत्नी को दांव पर लगाने वाला हिन्दू का धर्मराज हो सकता है धर्म के दृष्टि से किसी नारी को दांव पर जुवे में लगाना भी अधर्म है इसलिय अहिरो यानी नारायणि सेना ने अर्जुन को हरा कर आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया था
    भील कोल यादवो को हरा देगे महाभारत पढो वहाँ तो अहीर श्रीमद्भागवत महा पुराण में गोप लिखा है भील तो लिखा नही है कुछ भी लिख देते हो तुम मूर्ख लोग तुम हिन्दू मुस्लिम के धर्म ही अजब गजब है जिसको मुस्लिम याकूब कहते है हिन्दू उसको ययाति कहते है युदा को यदु यादव को यहूदी अहीर को अबीर बस लोगो को उल्टा सीधा बता कर पाखंड फैलाते हो तुम हिन्दू मुस्लिम अहीर यादव इतिहास को बदनाम करते हो

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