मंगलवार, 3 सितंबर 2013

आसाराम की किताब ‘श्री गुरुगीता’

आचार्य चतुरसेन ने पुराणों के बारे में कितना ठीक लिखा है--- 
" पुराणों में देवता और ऋषियों के ब्याभिचारों को पवित्र और निर्दोष रूप दिया गया है विष्णु ने वृंदा के साथ उसके पति का रूप धार कर व्याभिचार किया इंद्र ने चन्द्रमा की सहायता से गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ व्यभिचार किया अनेक देवताओं ने कुमारी अवस्था में कुंती से व्यभिचार किया इसी प्रकार विश्वामित्र ने मेनका से, पाराशर ने सत्यवती से. यहाँ तक कि पशुओं तक से ब्य्भिचार करने के घृणास्पद उदहारण हमें देखने को मिलते है. श्रीकृष्ण को एक आदर्श ब्याभिचारी के रूप में हिंदुओं ने उपस्थित किया है इन सब बातों से हिंदू समाज की भावना इस कदर गंदी हो गई कि कोई कवि, लेखक या नाटककार, चाहे जितनी भी अश्लील रचना करे, या चेष्ट करे, यदि उस में राधा या कृष्ण का नाम आ जाता है तो वे प्राय: क्षमा के काबिल मानी जाती है और निर्दोष तो वह है ही (धर्म के नाम पर, पृष्ठ ९१-९५)

आसाराम की किताब ‘श्री गुरुगीता’ में  लिखा है..------ ‘गुरु को अपनी पत्नी भी सौंप देना चाहिए’..............
divyabhaskar network | Sep 02, 2013, 13:35PM IST

अहमदाबाद। नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम बापू की मुसीबत बढ़ने वाली है। उन पर एक और आरोप लगा है। साथ ही, पोटेंसी टेस्ट और स्वास्थ्य जांच के नतीजे भी उनकी बातों को झुठला रहे हैं। यह बात भी कोर्ट में उनके खिलाफ जा सकती है। कभी शराब का धंधा करने वाले आसाराम से अभी शुरुआती पूछताछ ही हुई है। इसमें उन्होंने आरोप लगाने वाली लड़की के साथ होने की बात मानी है। पुलिस उन्हें सोमवार को एक बार फिर कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी।

आसाराम ने पुलिस से पूछताछ में बताया कि वह यौन संबंध बनाने में सक्षम नहीं हैं, लिहाजा उन पर लगाए गए आरोप सच हो ही नहीं सकते। इसके बाद पुलिस ने उनका पोटेंसी टेस्ट कराया तो उनकी बात गलत निकली। आसाराम सेक्स संबंध बनाने के लिए पूरी तरह फिट पाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि आसाराम का यौन संबंध बनाने को लेकर फिट पाया जाना उनके खिलाफ मजबूत मेडिकल सुबूत है।

इसी क्रम में अब आसाराम की सारी करतूतें धीरे-धीरे बाहर आती जा रही हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं उनकी एक किताब की, जिसमें लिखी बातें जानकर आप दंग रह जाएंगे।

साबरमती आसाराम आश्रम की योगवेदांत सेवा समिति द्वारा प्रकाशित ‘श्री गुरुगीता’ नामक इस पुस्तक का 38वां श्लोक विवादों से भरपूर है।

गुरुगीता के इस श्लोक में लिखा है...भक्त को अपना शरीर, प्राण, यहां तक की अपनी पत्नी सबकुछ श्रीसद्गुरु को अर्पण करना चाहिए।

http://www.bhaskar.com/article-hf/GUJ-AHM-controversial-book-shri-gurugeeta-of-saint-asaram-4363802-PHO.html?seq=1

आसाराम की किताब : लिखा है.. ‘गुरु को अपनी पत्नी भी सौंप देना चाहिए’
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नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम बापू की मुसीबत बढ़ने वाली है

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