लो साहब हो गया दबे कुचलों का उत्थान .ये मोहतरमा डाक्टर हैं .इनके पतिदेव डा० भीमराव अम्बेडकर के मिशन को पूरा करने के मायावी अभियान में सहयोगी हैं . अब जब ये इतने प्रयास कर रहें हैं तो स्त्रियों दलितों का उत्थान तो होना ही है .उस पर ये डाक्टर भी हैं लेकिन हमें तो लगते है इन्हें स्वयं मनोचिकित्सक की जरुरत है .इंसानियत से गिरा हुआ ऐसा व्यवहार कोई मनोरोगी ही कर सकता है .
'नयी दिल्ली । ''वो जरा से बात पर खफा हो जाती थी। थाली में भरा खाना ऐसे फेकती थी जैसे हम कुत्ते हों। डंडा, लाठी, लोहे की रॉड या फिर घर में सजाए गये हिरण के सिंह से मुझे और दीदी (राखी- वो नौकरानी जिसकी हत्या हुई है) को मारती थी। वो मेरे और दीदी के प्राइवेट पार्ट पर हमला करने में जरा भी नहीं हिचकिचाती थी।'' जी हां ये वो बयान है जिसने बाहुबली सांसद धनंजय सिंह के नई दिल्ली के 175, साउथ एवेन्यू फ्लैट में हुए नौकरानी की हत्या के चश्मदीद गवाह ने दिया है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक नौकरानी राखी की हत्या के इकलौते चश्मदीद गवाह 17 वर्षीय नौकर ने पुलिस को बताया कि वो बहुत की खुशनसीब है कि इस नर्क से बच कर निकलने में कामयाब रहा। उल्लेखनीय है कि छानबीन में लगी पुलिस को धनंजय के सरकारी आवास से 20 सीसीटीवी कैमरे मिले हैं। पुलिस इन कैमरों के फुटेज को खंगाल रही है। मगर सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि पुलिस को नौकरानी राखी के बाथरूम से भी एक कैमरा मिला है। '
------- स्रोत : न्यूज नेटवर्क
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