शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

चीन से प्रगाढ़ मैत्री


      
 तरक्की की इतनी तेज रप्तार ब्रिक्स बैंक कल स्थापित हुआ और आज उसने भारत के लिए पहली किश्त भी रिलीज कर दी ? ए बी वी पी न्यूज की खबर है कि चीन ने अपने यहाँ दौरे पर आये भारतीय बास्केट बाल के सिख खिलाड़ियों की पगड़ी उतरवा ली है . यह भारत के सम्मान को गहरी चोट है. इसे अमेरिका में अक्सर सिखों के साथ होने वाली ऐसी ही वारदातों की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. चीन की हर हरकत बहुत सोच समझकर होती है .जब कोई भारत का बड़ा नेता दौरे पर जाता है तभी वह विवादित नक़्शे जारी करता है. तभी वह भारत की सीमाओं का उल्लंघन करता है. आज जब सरदार विक्रम सिंह भारत के थल सेनाध्यक्ष हैं तो वो भारतीय सिख खिलाड़ियों की पगड़ी उतारता है. चीन से किसी के साथ इस तरह के बद व्यवहार की खबरें कभी पहले नहीं आई हैं. इसलिए ये माना जाना चाहिए कि यह पगड़ी किसी सिख की नहीं भारत देश की उतारी गयी है. इसलिए इस पर कड़े विरोध की आवश्यकता है. राष्ट्रवाद का ढोल तो दिन रात पीटा जाता है अब देखो सरकार क्या कुछ करती है .वैसे उम्मीद ये है कि इस बात को साम्प्रदायिकता की झाँय झाँय में दबा दिया जाएगा. चीन का विरोध करना कोई हंसी खेल है .
 आपको शायद कुछ गलत फहमी हो गयी है .हम न ब्रिक्स के खिलाफ हैं और न चीन से प्रगाढ़ मैत्री के खिलाफ हैं .ये वक्त की जरुरत भी है और भारत जैसे शांतिप्रिय देश की जिम्मेदारी भी है कि वह अमेरिका की दादागिरी के के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करे लेकिन इसी के साथ अपने आत्मसम्मान के रक्षा करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है. अगर हम झुककर किसी मोर्चे में शामिल होते हैं तो कभी इज्जत और ताकत हासिल नहीं कर सकेंगे हमें इज्जत तभी मिलेगी जब हम अपनी ताकत का एहसास शत्रुओं को ही नहीं मित्रों को भी करायेगें.
 अब उन्नीस सौ बासठ नहीं दो हजार चौदह है और पंडित नेहरू जैसा स्वप्नदर्शी और कोमल ह्रदयी पी एम भी नहीं है. चीन हो या पाकिस्तान ताकत का एहसास करना ही होगा.  एक बार तिब्बत का सवाल तो मजबूती से उठाया जाए एक बार ताइवान से तो सम्बन्ध मजबूत किये जाएँ एक बार जापान के साथ मजबूती से खड़े तो हो जाएँ चीन अपनी औकात में आ जाएगा. अब किसी युद्ध की नौबत नहीं आएगी.अगर भारत युद्ध नहीं चाहता है तो चीन तो कभी किसी से युद्ध नहीं लड़ना चाहता है. युद्ध अब युद्धक्षेत्र में नहीं बाजारों में लड़ा जा रहा है .जिसे चीन पूरी ताकत से लड़ रहा है और उसके मुकाबले कोई टिक ही नहीं रहा है .        

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