कहीं अस्सी,कहीं पे सौ,कहीं उससे भी जियादा है
टमाटर मार देने का तेरा पक्का इरादा है ?
ईमान कोई रेत की दीवार नहीं है .
हमारा वास्ता रूह से है
हम कहाँ जिस्म देखते हैं.
कैसे खोजें अपने जिगर के टुकड़ों को
बच्चे बस्तों से पहचाने जाएंगे.
जब बेटी की आँख में आँसू होते हैं
बापू,भाई अंदर अंदर रोते हैं.
जो बेटी के दिल दुःखा रहे समझो
वो कोई इंसान नहीं हैं, खोते हैं .------(खोते -- गधे )
सिर्फ समन्दर को ये हक़ है जोर करे तूफानों से
क़तरा बनकर जीने वाले शबनम से गल जायेंगे.
माचिस लेकर खोज रहा था दर्द ए मौहब्बत वो दिल में
उसको क्या मालूम कि दिल में पहले से बारूद जमा है.
फेस बुक गम कम थे क्या पहले जो तुमने भी दिये
दोस्त तुमने कम दिये, दुश्मन बहुत ज्यादा दिये .
जिंदगी में वैसे ही दुश्वारियाँ कुछ कम न थी
कुछ इजाफा तुम किये, कुछ हम किये, कुछ वो किये.
जाम नफ़रत के पी हैवान बने जाते हैं ,
आज सेंवई खिलाओ, तो हम इंसान बने.
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