कैसे कैसे लोग बने हैं साँसद जी .
ऐसे कैसे लोग बने हैं साँसद जी .
अपनी कौमी पंचायत में हमने तो
नमस्तक इंसानों को चुनकर भेजा
रजधानी की जाने कैसी हवा लगी
जिसको देखा जिन्न सरीखा ही देखा
अब ऊँँचे आकाश तने हैं साँसद जी
कैसे कैसे लोग बने हैं साँसद जी.
बस्ती में जो दुर्घटना कोई होती
आँसू थे उनकी आँखों में भर आते.
अपने संगी साथी साथ लिए सारे
वे ही पहले दुखियारे के घर जाते .
अब पत्थर के ढूह घने हैं साँसद जी.
कैसे कैसे लोग बने हैं साँसद जी.
पत्थर को भगवान बताने वाले हैं
झूठ, कपट, ईमान बनाने वाले हैं.
लोगों इनके बहकावे में मत आना
ये अपनी दूकान सजाने वाले हैं .
हमने कब बेईमान चुने हैं साँसद जी.
कैसे कैसे लोग बने हैं साँसद जी .
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