रविवार, 5 अक्तूबर 2014

स्वच्छता के शुतुरमुर्ग

गंगा को साफ़ करने की प्लान वाले और झाड़ू से सफाई करने वाले पता नहीं बकरीद और दीपावली पर भी मिलेगें या नहीं दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और रावण के पुतला दहन के समय तो दिखाई नहीं दिए हैं.इन सारे पर्वों त्यौहारों को देखकर तो यही लगता है कि हमारी आस्था स्वच्छता में नहीं गंदगी करने में ही ज्यादा है . अगर नयी सरकार प्रतिमा विसर्जन और पुतला दहन पर यह कहकर रोक लगा देती कि ऐसा करने से वातावरण स्वच्छ रहेगा तो हमें यकीन हो जाता कि ये सरकार वाकई में काम करने की दृढ इच्छा शक्ति रखती है.अत: इस सरकार की आलोचना अनुचित है. लेकिन यहाँ तो रोज नया शगूफा छोड़ा जा रहा है ,अमल में तो कहीं कुछ भी नहीं है .

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें