जलेस मेरठ جلیس میرٹھ
जनवादी लेखक संघ मेरठ جناوادئ لکھاک سنگھ میرٹھ
रविवार, 29 नवंबर 2015
आसमान से उतर रहीं हैं
किताबें
जमीन पे बिछ रहीं हैं
लाशें
इन्शानियत पशोपेश में है
पहले पूजे
या
दफनाए
किससे
कैसे पेश आये ?
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