दुर्लभ भक्त प्रजात है, और दूसरा नाय .
जितना ज्यादा वो ठुके उतना ही गुण गाय.
जननी जने तो भक्त जन,न कोई पीर,फ़कीर
पंक्ति में वो खड़ा रहे होवै नहीं अधीर.
भक्ति में हम अड़े,लड़े,खड़े रहें दिन रैन
जब तक दाता न करे नोट वोट सब बैन .
भक्तों की दुविधा बढ़ी सूझे नहीं उपाय
जागें बैंक का रुख करें या शाखा में जाए .
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