बुधवार, 30 नवंबर 2016

साधो किसके लिए कमाना


साधो किसके लिए कमाना ?
अब न कहीं भी चल पायेगा जोड़ा नोट पुराना .
साधो किसके लिए कमाना ?
किसे पता था ऐसा होगा, नोट हमारा यूँ बंद होगा ?
सोचा सदा फेंकता आया अब भी यूँ ही फेंकता होगा
अब के मारा फेंक के ऐसा, चूका नहीं निशाना .
साधो किसके लिए कमाना ?
काला धन तो स्विस बैंक था अम्मा के पैसे थोड़े थे
वो तो उसने जैसे तैसे, पेट काट करके जोड़े थे
सोचा था ये बखत जरुरत, अड़ी भीड़ के लिए रखूँ हूँ
सोनू के बापू का क्या है? रोज कमाना, रोज है खाना.
साधो किसके लिए कमाना ?
पर वो सारी जमा जोख भी आज मुये की नजर पड़ गयी
अपनी छोटी जमा जोख पर बेईमान की नजर गड गयी
स्विस बैंक को नहीं देखता जाने इसकी अक्ल सड़ गयी
काला धन तो वहीँ जमा है बड़ा देश का वही खजाना .
साधो किसके लिए कमाना ?
काले धन का शौर मचाया किसे पता था दिल काला है
विजय माल्या ले भागेगा, अपना धन लुटने वाला है
नाग बड़ा जहरीला है ये, काले धन का रखवाला है
कभी जोर से फुँकारेगा, कभी सरक चुप जाना .
साधो किसके लिए कमाना ?
अपनी सारी जमा जोख जब बेईमान के हाथ सोंप दी
ऐन वक्त पर बिटिया की शादी पे उसने छुरी घोंप दी
जन धन में जो जमा किया था आज निकासी सभी रोक दी
बोलो ऐसे बेईमान का है, कोई कोल ठिकाना ?
साधो किसके लिए कमाना ?
पूछो इससे जब खाते से पैसा निकल नहीं सकता है
जमा किया जाता फिर क्यूँ है? बंद नहीं वह क्यूँ रहता है ?
या जन धन है बाँध रुपये का जिसमें धन रुकता रहता है ?
जिसे रोक कर चाहते हो तुम अपनी पूंजी खूब बढ़ाना ?
साधो किसके लिए कमाना ?
हमें पढ़ाओ मत तुम अपना अर्थशास्त्र का नया पहाड़ा
आज तलक काले धन वालों का कब तुमने बाल उखाड़ा ?
सारी उमर कमाया हमने ज्यूँ त्युं कर कुछ जोड़ा जाड़ा
उसे बताते काला धन हो ? झूठ बोलते कुछ शर्माना ?
साधो किसके लिए कमाना ?

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