बुधवार, 1 मार्च 2017

गुरमेहर कौर


'बड़ा आसान  है यूँ  फेसबुक पे पोस्ट  लिख  देना
मगर आसान सा ये काम भी तो लोग न करते.
दमन को देख कर भी लोग जो खामोश रहते हैं
वो अपनी मौत से पहले हजारों बार हैं मरते .'

                         
कारगिल शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने हिंसा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की कथित भूमिका का खुलकर विरोध किया और एक कैंपेन शुरू किया। इसके बाद कई लोग गुरमेहर के समर्थन में आए तो कई लोगों ने उनका विरोध किया। गुरमेहर ने सोमवार को इस मामले में कहा कि एबीवीपी या कोई भी छात्र संगठन हो, किसी को हक नहीं है कि वो कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लें।
विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने ट्रोल करने वालों पर मीडिया के सामने आकर जमकर निशाना साधा। गुरमेहर ने किसी भी राजनीतिक गतिविधि से खुद को अलग बताते हुए एबीवीपी पर हमला किया।
गुरमेहर ने सख्त तल्ख लहजे में कहा कि मुझे कोई देशभक्ति न सिखाए। पिछले हफ्ते रामजस कॉलेज में जो हिंसा हुई उसमें सबको साथ आना चाहिए। गुरमेहर कौर ने साफ कहा कि उनकी विरोधी एबीवीपी अपने सिद्धांतों पर खरी नहीं उतर रही है, बताईए पिछले हफ्ते दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में क्या हुआ।
करगिल में शहीद हुए अपने पिता कैप्टन मंदीप सिंह को याद करते हुए गुरमेहर कौर ने कहा, मैं डरने वाली नहीं हूं, न झुकने वाली हूं। मेरे पिता देश के लिए गोली खाई और मैं भी देश के लिए गोली खाने को तैयार हूं। उन्होंने मैं अपने देश से प्यार करती हूं और अपने साथी छात्रों को भी प्यार करती हूं। मैं उनकी अभिव्यक्ति की आजादी का भी समर्थन करती हूं। उन्होंने कहा कि पत्थर उमर खालिद पर नहीं फेंके गए। यहां तक कि वो उस वक्त वहां मौजूद भी नहीं थे। पत्थर वहां मौजूद छात्रों पर फेंके जा रहे थे।
एबीवीपी इस बात पर कायम है कि पत्थर इस वजह से फेंके गए क्योंकि संगठन ने जेएनयू छात्र उमर खालिद को  दिए गए इनविटेशन का विरोध किया था। गुरमेहर कौर को आरएसएस से संबंधित छात्र संगठन के द्वारा एबीवीपी की खिलाफत करने को लेकर ट्रोल किया गया।

गुरमेहर को कई सेलिब्रिटीज के द्वारा भी ट्रोल किया गया, जिसमें पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा तक शामिल हैं, लेकिन 20 साल की गुरमेहर के तेवर नरम नहीं हुए हैं। गुरमेहर का कहना है कि चाहें एबीवीपी हो या कोई अन्य संस्थान, किसी को भी कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने का हक नहीं है।
ट्रोल के जरिए उनकी देशभक्ति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रोल के जरिए कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने पिता की शहादत का अपमान किया है, जो कि 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए थे।

आपको बता दें कि बीते बुधवार को रामजस कॉलेज के एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाए जाने का एबीवीपी ने विरोध किया था। जिसके बाद वहां विरोध हिंसक होने पर करीब 20 छात्र घायल हो गए थे।

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