जलेस मेरठ جلیس میرٹھ
जनवादी लेखक संघ मेरठ جناوادئ لکھاک سنگھ میرٹھ
शनिवार, 15 अप्रैल 2017
हर सियासी भेड़िया अब गाय की ओढ़े है खाल,
चल गडरिये दूर चल, तेरा बुरा होना है हाल .
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