जहां मुश्किल दिनों में चाय बेचीं थी कभी हमने,
वो स्टेशन,वो डिब्बे ट्रेन के नीलाम कर देंगे |
हमारा है हुनर हैरत तुम्हें हो या परेशानी,
मटन को बीफ कह देंगे,तुम्हें बदनाम कर देंगे |
तुम्हें कहना पड़ेगा गर कहें हम रात को दिन है
नहीं बोले तुम्हारा देशद्रोही नाम धर देंगे |
कहीं गोली कहीं बोली से मरते लोग गिनती के
मजा आएगा तब जिस रोज कत्ले आम कर देंगे |
तुम्हारा जुर्म बस इतना है के तुम प्यार करते हो
बना कर रोमियो एन्टी तुम्हे बरबाद कर देगे।
सुनो केवल कहो न कुछ अजी ये दौर ऐसा है
मधुर तुमने जुबां खोली तुम्हे बदनाम कर देंगे ।
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