पढ़ रही हैं बेटियाँ, बढ़ रही हैं बेटियाँ
रोकने वालों से जंग लड़ रही हैं बेटियाँ |
गलियाँ दे,लाठियाँ ले, रोकने थे वे चले
लाठियों के सामने ही अड़ रही हैं बेटियाँ |
द्रोपदी,सीता,अहिल्या पूजने वालों सुनो
बन के मैरिकोम मुक्का जड़ रही हैं बेटियाँ |
तोड़ देंगी गढ़ सभी,वो तोड़ देंगी मठ सभी
अब मठाधीशों पे भारी पड़ रहीं हैं बेटियाँ |
फूल,कलियाँ जो समझकर नोचने में हैं लगे
शूल बन आँखों में उनकी गढ़ रहीं हैं बेटियाँ |
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