आज मेरठ में डी एम् के दप्तर के सामने एक फौजी खड़ा रो रो कर कह रहा था कि उसकी जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्ज़ा कर लिया है और कोई अधिकारी उसकी फ़रियाद नहीं सुन रहा है | टी वी चैनल के रिपोर्टर इंटरव्यू ले रहे थे | फौजी रो रो कर बता रहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहराव के बैल्क कैट कमांडों दस्ते में रहा है | मनिंदर जीत सिंह बिट्टा का शैडो रहा है | कारगिल का युद्ध लड़ चुका है |आज भी बॉर्डर पर है |वह देश के दुश्मनों से देश की सरहद बचा सकता है लेकिन भू माफियाओं से अपनी जमीन नहीं बचा पा रहा है | अफसर एक फौजी की नहीं सुनते हैं उलटे नौकरी से बर्खास्त कराने की बात कहते हैं |
फौजी जगवीर ने कहा कि उसे तो शहीद होना है | बार्डर पर नहीं हुआ तो यहॉँ अपनी जमीन के लिए शहीद होगा लेकिन भूमाफियाओं के सामने घुटने नहीं टेकेगा |
फर्जी दंगाई देशभक्तों एक फौजी की आवाज सुन रहे हो ना या फिर कहीं तिरंगा यात्रा पर निकल गए हो ? कुछ शर्म करो एक फौजी यूँ फ़रियाद करता फिरता है और सरकार अफीम खाये है | डर है कहीं उसे सेना का अनुशासन तोड़ने के आरोप में बर्खास्त ना कर दिया जाए |
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