शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

'ताजमहल में नेतान्याहू'



क्यों जाते हो ताज दिखाने,गौशाला ले जाते
गौमाता को देख अतिथि भी तो खुश हो जाते |
बतलाते 'एटम बम से जो फैला घना विकिरण 
गौ माता के मूत्र से उसको मिटा जीत लेंगे रण|

ये विज्ञान, टैक्नोलॉजी यहीं मिला करती है
देन हमारे वेदों की है, दुनिया दम भरती है |
ताजमहल क्या चीज हजारों रोज बना करते हैं
लेकिन दुनिया वाले ये सब समझ नहीं सकते हैं |
उनको जाने एक कब्र में क्या क्या दिख जाता है
एक प्यार ख़्वाबों में खिलता,हँसता मिल जाता है|
कहीं नहीं जो मिला यहाँ वो मिलता है अपनापन
लेकिन हमको लगता उनका ये कोरा पागलपन |
हम ठहरे गौ भक्त न पागलपन ये हमें सुहाता
प्यार व्यार की बातों से ना रहा हमारा नाता |
पत्थर में खिलते गुलाब की बातें करने वालों
हमको तो अच्छा लगता है बस गोबर गंधाता |
एक दिन हम सारी दुनिया में गोबर फैला देंगे
पाकिस्तान है चीज भला क्या चीन को दफना देंगे |
अमेरिका जापान जर्मनी तरसेंगे मिलने को
आज कर रहे हैं जो हम, कल वो भी अपना लेंगे |
एक रोज फिर विश्व गुरु यूँ भारत बन जाएगा
वंदेमातरम देश नहीं जग ही सारा गायेगा |
इसी स्वप्न के लिए तो हम जीते और मरते हैं
जो भी इसमें बाधक होगा वो मारा जाएगा |'

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