रविवार, 7 अप्रैल 2019

वो बुलेट ट्रेन, स्मार्ट सिटी, नौकरिया पूरी दो करोड़
वो मिले मिले ना मिले मगर तू जुमलेबाजी नहीं छोड़ ।
ना हमको पन्द्रह लाख मिले ना काला धन वापिस आया
जो जमा बैंक में किया उसे नीरव मोदी ले गया दौड़ ।

ना मरा बम से कोई ना तोप के गोलों से है
ये समझ लो जो मरा अपने बड़े बोलो से है।
उसको संसद पहुँचना है इसलिये काटे गेहूँ
लेकिन उसकी काबलियत फिल्म के शोलो से है।

कुछ फकीरी का सिला था कुछ था उपर का हुकुम
नोट जो भी जेब में थे नोटबन्दी में गये ।


कुछ और बड़े बम फूटेंगे, कुछ और हवाबाजी होगी
कुर्सी की खातिर नेता की कुछ और कलाबाजी होगी।
थियेटर चालू है मित्रों तुम देखो और बैठे मौज करो
कुछ बोल बड़े कड़वे होंगे कुछ गुस्सा नाराजी होगी ।



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